Gorakhpur News : महंत दिग्विजयनाथ ने रामलला के प्रकटीकरण के जरिये श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन का श्रीगणेश किया थाः योगी आदित्यनाथ
Gorakhpur news : गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व गुरु महंत अवेद्यनाथ की सात दिवसीय पुण्यतिथि समारोह में सोमवार को महंत दिग्विजयनाथ की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। श्रद्धांजलि सभा में देश भर से संत व महंत पहुंचे। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने की। महंत दिग्विजयनाथ को 54 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि युगपुरूष महंत दिग्विजयनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के प्रकटीकरण के जरिये तत्कालीन सरकार की कुत्सित मंशाष् को नाकाम किया। वे राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समेत देश में हिंदुत्व से जुड़े लगभग सभी बड़े आंदोलनों का अहम हिस्सा रहे। लिए श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का वर्ष 1949 में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के प्रकटीकरण के माध्यम से उन्होंने जहां तत्कालीन सरकार की कुत्सित मंशा को असफल किया व वहीं श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का श्रीगणेश किया था। आज यह हमारा सौभाग्य है कि गोरखपुर और उसके द्वारा संचालित संस्थाएं अपने आचार्य ब्रह्मदेव महंत दिग्विजयनाथ की प्रेरणा और उनके आशीर्वाद से न केवल बौद्धिक प्रगति की दिशा में निरंतर अग्रसर हो रही हैं, बल्कि जिन मूल्यों और सिद्धांतों के लिए उन्होंने अपना भौतिक देह समर्पित किया था, उन्हीं के लिए कार्य करते हुए वे आगे भी बढ़ रही हैं। है। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद, अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा, संत महामंडल दिल्ली व यूनाइटिड हिंदू फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहन्त नारायण गिरि महाराज ने कहा कि युगपुरुष महन्त दिग्विजयनाथ बचपन में राणा नान्हू सिंह के नाम से विख्यात थे। उनका जन्म बाप्पा रावल के उस इतिहास प्रसिद्ध वंश में हुआ था, जिसमें उत्पन्न होकर राणा सांगा और महाराणा प्रताप जैसे वीरों ने देश और धर्म की रक्षा के लिए आजीवन संघर्ष किया। महाराणा प्रताप की तलवार ने जिस वंश के इतिहास को त्याग, वीरता और आत्म-सम्मान का इतिहास बना दिया, जिस धरती को शत्रुओं के रुधिर से सींच.सींच कर पवित्र और पूज्य बनाया, उसी मेवाड़ की धरती पर सिसोदिया वंश में जन्म लेकर राणा नान्हूसिंह ने भी समाज, देश व धर्म के लिए त्याग और बलिदान का इतिहास रच दिया। श्रीमंहत नारायण गिरि ने कहा कि ब्रह्मलीन गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत दिग्विजय नाथ ने एक और जहां आजादी की लडाई में अहम भूमिका निभाई, वहीं आजादी के बाद वे धर्म की रक्षा के लिए पूरी तरह से समर्पित रहे। समाज को शिक्षित करने व उसे जागरूक बनाने के लिए उन्होंने जो कार्य किए, वे युगों-युगों तक याद किए जाएंगे। 1967 में वे हिंदू महासभा के बैनर पर लोकसभा में पहुंचे थे। 1969 में उनका निधन हो गया था। उनके निधन पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी करार दिया था और कहा था कि महंत जी का शिक्षा और धर्म के क्षेत्र में बहुत ही ऊंचा स्थान है। वे असहयोग आंदोलन के साथ भी जुड़े थे। साइमन कमीशन का उन्होंने पुरजोर विरोध किया थ,इसलिए वह हमेशा अंग्रेजों के निशाने पर रहते थे। उनके जैसे इंसान धरती पर रोज पैदा नहीं होते हैं। महंत दिग्विजय नाथ हैदराबाद सत्याग्रह से भी जुड़े थे। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्थापना का महान कार्य किया। उनके कार्यो को आज पीठ के महन्त व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगे बढा रहे हैं। जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज सुग्रीव किला अयोध्या, दिगम्बर अखाडे से महन्त सुरेश दास महाराज, स्वामी विद्या चेतन महाराज नैमिषारण्य, स्वामी शेर नाथ जूना गढ, कमल नयन दास, पंचानन पुरी व पूरे भारत से आये सन्तों ने भी महंत दिग्विजयनाथ श्रद्धांजलि अर्पित की। कथा व्यास श्री कृष्णचन्द ठाकुर श्रीधाम वृन्दावन की श्रीमद् भागवत कथा का भी सभी ने अमृतपान किया। समारोह का समापन 3 अक्टूबर को होगा।
योगी आदित्यनाथ ने संतों व महंतों से मुलाकात की
ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह के अंतर्गत आयोजित श्रद्धांजलि सभा व अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए लिए मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर रविवार की देर शाम गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए थे। मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद अपने आवास में प्रवेश से पहले वे अपने आदिगुरु गुरु गोरक्षनाथ के मंदिर में गए और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि.विधान से उनकी पूजा.अर्चना की। अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर भी वे गए और पूजा.अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने पुण्यतिथि समारोह में भाग लेने के लिए देश भर से आए साधु.संतों का अभिनंदन किया और उनका कुशलक्षेम भी पूछा। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद, अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा, संत महामंडल दिल्ली व यूनाइटिड हिंदू फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहन्त नारायण गिरि महाराज से मुलाकात कर उन्होंने उनका कुशलक्षेम पूछने के साथ धार्मिक चर्चा भी की।